सत्य वचन
सत्य वचन
आज विदाई और रुलाई,कल तो भूल है जाना,
किंतु कर्म यदि उत्तम हो तो रखता याद ज़माना।
यही है रीति पुरानी-
करे यह अमर कहानी।।
राणा-भगत-सुभाष-शिवाजी,सबने जश्न मनाया,
मान ज़िंदगी उत्तम उत्सव,कर्म का दीप जलाया।
किया प्रतिज्ञा पूर्ण जो ठानी-
करे यह अमर कहानी।।
कृष्ण दिए संदेश पार्थ को,जब वे बहु घबराए,
पा समुचित उपदेश युद्ध में,अर्जुन धूम मचाए।
हुआ शत्रु-दल पानी-पानी-
करे यह अमर कहानी।।
जीवन के हैं रूप बहुत से,जो चाहो अपनाओ,
वही मिलेगा फल खाने को,जैसा वृक्ष लगाओ।
दे पाषाण न नीर रवानी-
करे यह अमर कहानी।।
दिन में करे उजाला सूरज,बिना थके पुनि आए,
नव आभा ले नभ-मण्डल में,नव प्रकाश फैलाए।
मिटे तिमिर की अशुभ निशानी-
करे यह अमर कहानी।।
ऋषि-मुनि-ज्ञानी-चिंतक-साधक-साधक,सबने यही बताया,
वेद-शास्त्र-अध्यात्म-अध्ययन-अध्यात्म-अध्ययन,ने यह पाठ पढ़ाया।
नहीं कुछ त्याग का सानी-
करे यह अमर कहानी।।
हम न रहेंगे,तुम न रहोगे,नहीं रहेगा कोई,
सद्विचार-सद्कर्म से मिलती,रही प्रतिष्ठा खोई।
जग में स्वागतेय बलिदानी-
करे यह अमर कहानी।।
©डॉ. हरि नाथ मिश्र
9919446372
Mohammed urooj khan
06-Nov-2023 12:52 PM
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